Saturday, November 20, 2010

गरीबों के दो लाख तक के सभी कर्जे हो माफ - बालकृष्ण सांवरियां

राष्ट्रीय मजदूर कल्याण मंच भारत (मुख्य इकाई) के महासचिव बालकृष्ण सांवरियां ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में मांंग की है कि किसानों की कर्जामाफी की तर्ज पर देशभर के अनुसूचित जातियों, पिछड़ों, महिलाओं व अन्य कमजोर वर्ग के सभी कर्जे माफ किये जावें। उन्होंने कहा कि देश के बहुसंख्य गरीब वर्ग की राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका है। मजदूर वर्ग विभिन्न श्रेणियों में जैसे खेतीहर मजदूर, भवन निर्माण मजदूर, रेहड़ी-ठेली वाला मजदूर, भ_ा मजदूर, रिक्शा-ऑटो रिक्शा चालक, छोटे दुकानदार, मंझले उद्योग एवं दुकानों पर काम कर रहे कर्मचारी के रूप में विपरीत आर्थिक-सामाजिक परिस्थितियों में राष्ट्र निमार्ण एवं राष्ट्र सेवा में जुटा हुआ है लेकिन सरकार द्वारा मजदूरों की राष्ट्रीय भावना और राष्ट्र सेवा का मुल्यांकन नही किया जा रहा।
मजदूर वर्ग भारी कर्जे तले दबा हुआ है और आए दिन देश भर में कर्जे के कारण सैंकड़ों मजदूर मौत का ग्रास बन रहे हैं जिससे मजदूर वर्ग का जिंदा रहने का संविधानिक अधिकार भी छिन रहा है। भारत के संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से जिंदा रहने का अधिकार दिया है जोकि सरकार की शोषणकारी आर्थिक नीतियों के चलते पूरा मजदूर वर्ग आर्थिक-सामाजिक पीड़ा झेल रहा है बड़ी संख्या में मजदूरों के पास दो वक्त की रोटी भी पूरी नही हो रही है। जिससे मजदूरों के बच्चे कुपोषण का शिकार है। कुपोषण के चलते मजदूरों के बच्चों की शिक्षा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। श्री सांवरिया नें कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सभी बैंकिंग प्रतिष्ठानों से दो लाख रूपये तक के सभी कर्जो की रिपोर्ट मंगवाकर एक वृहित योजना के तहत सभी स्कीमों के कर्जे एक मुश्त बिना शर्त माफ किया जावें ताकि बहुसंख्य मजदूर वर्ग राहत महसूस करे।

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